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बालों को झड़ने से बचाने के सबसे अच्छे आयुर्वेदिक उपचार..Ayurvedic Treatment for Hair Loss in Hindi


हमारे सिर में बालों के 100,000 रेशे होते हैं और एक दिन में 50 से 100 रेशे टूटना बहुत सामान्य माना जाता है। लेकिन जब इससे अधिक बाल टूटने लगें तो इससे गंजापन हो सकता है बालों के झड़ने के पीछे कई कारण होते हैं. जैसे बालो का कमज़ोर होना, बालों की ग्रोथ में कमी आना, हार्मोन्स में बदलाव, सही डाइट की कमी या हेयर प्रोडक्ट्स का ज़्यादा इस्तेमाल. इनमें से आपके बालो के झडने का कारण कोई भी हो सकता है. अगर ये परेशानी ज़्यादा है तो हेयर स्पेशलिस्ट से कंसल्ट कराएं. वहीं, अगर बालों की झड़ने की परेशानी बाकियों की ही तरह कॉमन है और आप इसे भी रोकना चाहते हैं तो नीचे दिए गए टिप्स को पढ़ें - 

बालों का औषधीय तेल से मालिश सिर की त्वचा को पोषण देता है। सिर और उसकी त्वचा पर गर्म तेल से मालिश, विशेष रूप से केश्य (बालों के अनुकूल) जैसी जड़ी - बूटियों से संचारित तेल की मालिश, उनको पोषित करता है, सिर में सूखेपन को कम एवं परिसंचरण (circulation) को बढ़ाता है। नारियल का तेल या तिल का तेल, उमालकि (एमब्लिका अल्बा), ब्राह्मी (बाकोपा मोननयरी), भृंगराज (एक्लिप्टा अल्बा) या जपा (हिबिस्कस) जैसी जड़ी - बूटियों से युक्त बालों में रंग और चमक को बनाए रखने में मदद करता है।
आयुर्वेदिक हर्बल केश तेल बालों के अनुकूल जड़ी - बूटियों का मिश्रण होता है। सप्ताह में २-३ बार स्नान से १-२ घंटे पहले इससे सिर की मालिश आराम पाने का एक अदभुत उपचार है।

सिर और उसकी त्वचा को नियमित रूप से साफ़ रखना-

सिर और उसकी त्वचा में खुजली एवं मलीन रोम से बचने के लिए उनमें सफाई रखें। हेर्बल शैम्पू से बालों को साफ़ करें। शैम्पू का अत्यधिक उपयोग विशेषकर रूखा शैम्पू सिर की त्वचा और बालों में सूखापन का कारण बन सकता है। बालों को धोने के लिए गुनगुने या ताज़े पानी का उपयोग करें और तत्पश्चात प्राकृतिक कंडिश्नर लगाएं। स्वाभाविक रूप से बालों को सूखनें दें न की हेयर ड्रॉयर से सुखाएं। नियमित तौर पर विभाजित हुए बालों को कटवाएं और प्राकृतिक नुक्सान से बचें। बालों की सामान्य रूप से सफाई और कंघी करना ज़रूरी है। इससे सिर की त्वचा में तेल उत्पादन करने वाली ग्रंथियां उभरती हैं। यह प्राकृतिक उत्पन हुआ तेल बालों को स्वस्थ और चमकीला रखता है।

नियमित आहार की आदत -

भोजन एक हवादार, शांत कमरे में करना चाहिए और खाने के दौरान अन्य कोई कार्य नहीं करना चाहिए। अच्छे पाचन के लिए भोजन करते हुए अधिक पानी न पीएं। पानी, भोजन करने से आधा घंटा पूर्व करना चाहिए। तेलयुक्त, मसालेदार या मासाहारी भोजन के पश्चात गुनगुना पानी पीयें।
इन नियमों का पालन करने से, आप अपने शरीर में अमा (विषाक्त पदार्थ) का निर्माण होने से रोक सकते हैं। टॉक्सिन्स पोषक तत्वों को हमारे शरीर में कोशिकाओं (Cells) और ऊतकों (Tissues) तक पहुचनें से रोकते हैं इसलिए चाय, कॉफ़ी, मदिरा, माँस एवं धूम्रपान के अत्यधिक सेवन की आदतों को रोका जाना चाहिए। तली, मसालेदार खटाई और अम्लीय खाद्य युक्त भोजन हानिकारक होते है। रासायनिक या सिंथेटिक दवाओं से परहेज़ करें। इसलिए हमारे आहार पर ध्यान देना आवश्यक है।
मस्तिष्क तनाव -
लगातार तनाव में जीने से बालों का अधिक गिरना, समय से पहले सफ़ेद होना, सूखे और निरस एवं निर्जीव होना संभाविक है। ब्राह्मी, मंडुकपानी, अश्वगंधा या जटामंसी में से किसी भी जड़ी - बूटी से समृद्ध चाय, तनाव के लिए प्राकृतिक क्षमता में समर्थन देती है। कुछ समय का आराम आवश्यक है, और योग व् ध्यान का अभ्यास तनाव नियंत्रण में मदद करता है। औषधीय हर्बल तेलों के साथ सिर की त्वचा पर मालिश मानसिक विश्राम देने में सहायक है और बदलती मनोदशा के नियंत्रण में भी सहायक है।
एलोवेरा का रस -
सिर और बालों से संबंधित समस्‍याओं के आयुर्वेदिक उपचार के लिए एलोवेरा का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि एलोवेरा में प्रोटियोलिटिक एंजाइम होते हैं जो क्षतिगसत कोशिकाओं की मरम्‍मत कर सकते हैं। जिससे बालों की जड़ों को मजबूत करने में मदद मिलती है। इसके अलावा एलोवेरा में एंटी इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो सिर की जलन और खुजली को भी दूर करने में मदद करते हैं। आप अपने बालों में मौजूद  डेंड्रफ  को हटाने के लिए भी एलोवेरा का उपयोग कर सकते हैं।बचाने के सबसे अच्छे 
अपने बालों में एलोवेरा के प्राकर्तिक और आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट करने के लिए आप ताजे एलोवेरा की पत्तियों को तोड़ें, जितनी भी की आपको आवश्‍यकता हो। इसकी पत्तियों की ऊपरी परत को निकाल कर अलग कर दें और इसकी लुग्‍दी को किसी कटोरी में इकठ्ठा करें। इस लुग्‍दी को अच्‍छी तरह से मिलाएं और अपने बालों में लगाएं। बालों में एलोवेरा जरल लगाने  के लगभग 1 घंटे के बाद इसे सामान्‍य पानी से धो लें। बालों की देखभाल में प्रभावी परिणाम प्राप्‍त करने के लिए प्रति सप्‍ताह 3-4 बार एलोवेरा जेल का उपयोग करें।


आयुर्वेद की द्रष्टि में बालों की जड़ों को मजबूत करने के लिए दही का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि बालों के विकास के लिए दही किसी चमत्‍कार से कम नहीं है। दही में विटामिन बी 5 और विटामिन डी  की उच्च मात्रा होती है। इसके अलावा दही में कैल्सियम भी अच्‍छी मात्रा में होता है। ये सभी पोषक तत्‍व बालों के विकास में अहम योगदान देते हैं। हेयर फॉल को कम करने के लिए दही से उपचार इस प्रकार है।

आप 1 चम्‍मच  शहद और नींबू  के साथ 2 चम्‍मच दही मिलाएं। अच्‍छी तरह से पेस्‍ट बनाने के बाद ब्रश की सहायता से इस मिश्रण को अपने बालों में लगाएं। लगभग 30 मिनिट के बाद आप अपने बालों को सामान्‍य पानी से धो लें। बालों को गिरने से बचाने के लिए सप्‍ताह में कम से कम 1 बार इस मिश्रण का उपयोग किया जाना चाहिए।

लैवेंडर तेल – Lavender Oil For hair-

बालों की जड़ों को नेचुरल और आयुर्वेदिक रूप से मजबूत करने और नए बालों को उगाने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग करें क्योंकि इसमें बालों को उगने की क्षमता होती है। इस तेल में मौजूद लिनलूल और लिनालूल एसीटेट बालों की जड़ों को गहराई से पोषण दिलाते हैं। जिससे बालों के विकास में मदद मिल सकती है। यह स्‍कैल्‍प में नए रोम छिद्रों को उत्‍तेजित करने में भी मदद करता है। इस तरह से आप भी लैवेंडर तेल के लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

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